सपना
सपना
मन में कुछ सपने सजाये, उम्मीदों के दीप जलाये रखता हूँ।
अपनी मंजिल तक पहुँचने के लिए, दिन रात मेहनत करता हूँ।
तलाशते रहता हूँ नए नए रास्ते, ज्ञान विज्ञान से जुड़ा रहता है।
दुनिया की भीड़ में मै, अपनी अलग पहचान बनाना चाहता हूँ।
आसान नहीं है अपने मंजिल तक पहुँचना, पर धैर्य रखता हूँ।
देखता हूँ सबको अपना काम करते हुए, सीख उन्हीं से लेता हूँ।
मिलेगी मुझे मंज़िल, मैं भी अपने पैरों पर खड़े होना चाहता हूँ।
