अंर्तमन
अंर्तमन
मत ढूँढ़ो बाहर में सुख, मन के भीतर ही मिलेगा।
जानो स्वयं को पहले, आत्म बोध का पुष्प खिलेगा।
क्रोध, बैर, अहंकार छोड़ो, प्रभु द्वार पर खड़ा मिलेगा।
बाँहें फैलाये ख़ुशियाँ बाँटो, स्नेह में डूबा संसार दिखेगा।
चलना सदा नेकी के पथ पर, लाज़मी है कंटक मिलेगा।
मुस्कान किसी चेहरे पर देख, अंतर्मन तेरा चहक उठेगा।
दूर करो अंधेरा मन का, बाहर जगमगाता प्रकाश मिलेगा।
बोलो तो हितकर बोलो सबसे, सारा जग तेरा हो जाएगा।
वर्तमान को हँसकर जियो, सुखद सुंदर संसार मिलेगा।
स्वयं पर पा लो विजय, चुनौती भरा पथ आसान लगेगा।
जीवन की यात्रा में, संघर्ष का अद्वितीय एहसास मिलेगा।
सतत कर्म करते रहो, अनुभव का ख़जाना भरता जाएगा।
बुद्ध विचार शुद्ध विचार, सब कर्मो का फल यही मिलेगा।
लोभ आडम्बर से दूर रहो, जीवन का उपवन महक उठेगा।
