युद्ध
युद्ध
एक तरफ अश्वारोही, एक तरफ गज में सवार।
शंखनाद हुआ युद्ध का, ले बरछी भाला तलवार।
कम नहीं आँकते स्वयं को कोई, मच गया हाहाकार।
कहीं रक्तपात कहीं लाशें बिछी, दोनों पक्ष कर रहें वार।
साम्राज्य बढ़ाने की होड़ में, जीत होगी या होगी हार।
युद्ध से क्या मिलेगा, अंततः उजड़ जाएगा ये संसार।
