शिव
शिव
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भक्तों की है भीड़ लगी आज शिवालय में।
बेल पत्र की ढेर लगी आज शिवालय में।
दूध दही गंगाजल शिवजी पर चढ़ाते हैं।
सब मिलकर महादेव की आरती गाते हैं।
भाँग धतूरा आक नारियल तरह तरह के फूल।
भोलेनाथ की कृपा से हट जाते राहों के शूल।
चावल दूब चंदन धूप, करे मन से पूजा।
शिव शंकर के जैसा देव नहीं कोई दूजा।
कमर शोभित बाघम्बर, माला विषधर की
अर्धचंद्र सजे घनी जटा में, जय गंगाधर की।
हाथ जोड़कर गाऊँ महिमा, त्रिलोचन की।
तीनों लोक में जय जयकार, शशिभूषण की।
