अनेकता में एकता
अनेकता में एकता
अनेकता में एकता है हमारी शान,
विभिन्नता में समता हमारी है पहचान,
कहीं हिंदी तो कहीं पंजाबी कहीं बंगाली,
फिर भी एक नाम हमारा हिंदुस्तान।
कहीं होली के रंग गुलाल उड़े हैं,
कहीं ईद की सेवइयां प्यारी,
कहीं क्रिसमस के केक कट रहे तो
कहीं वाहेगुरु के नाम की हलवा की तैयारी।
कहीं बनारस की बनारसी साड़ी भाती,
कहीं दक्षिण का कांजीवरम लुभाती,
कहीं सलवार कुर्ता, कहीं घाघरा चोली,
कहीं धोती कुर्ता की है बात निराली।
लिट्टी चोखा का स्वाद लगे मनभावन,
इडली साँभर लगता है बड़ा लुभावन,
दाल बाटी चूरमा का स्वाद मिले जब,
मक्के की रोटी और साग लगे पावन।
रंग अनेकों सजे हैं हमारे इस देश में,
अलग अलग छवि ,अलग अलग वेश में
गंगा यमुना सरस्वती जैसी नदियों की धारा,
कर जाती हैं एक संग समुन्द्र में प्रवेश हैं।
अनेक प्रांत एक राष्ट्र हमारा प्यार हिंदुस्तान,
हमारा मान हमारा अभिमान जय जय हिंदुस्तान,
एक संविधान ,एक नियम ,एक ध्वज,
हिन्द हमारा अमर रहे मिलकर गाये राष्ट्र गान।