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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

बाजीराव पेशवा

बाजीराव पेशवा

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एक अजेय हिंदू योद्धा, बाजीराव पेशवा

चीते की जैसी चाल की थी,वो एक हवा

जिसकी नजर थी,एक चील की नजर

तलवार थी उनकी,बिजली जैसी जवां


जब जरूरत पड़ी राजा,छत्रसाल को

छोड़ दी खाने की थाली,उसी रात को

विजय पताका फहराई उसी रात को

बुंदेलखंड जीता दिया था,छत्रसाल को


जब छत्रसाल ने ईनाम मांगो की कहा

बाजीराव ने कहा, में तीसरा पुत्र नवा

मस्तानी से आपने प्रेम विवाह किया,

उसने आपको माना था अपना पिया


जब बाजीराव पेशवा ने कहा अलविदा

मस्तानी ने जहर खा बुझा खुद का दिया

शिवाजी बाद गोरिल्ला युद्ध मे थे,वो सवा

आपके आगे शत्रु की निकल जाती हवा


जीवन मे युद्ध न हारे थे,बाजीराव पेशवा

आप 17वीं शताब्दी के थे बहुत बड़े युवा

42 युद्ध लड़े,सबमें बाजीराव रहे सवा

दुर्भाग्य से 40 में आप छोड़ चले दुनिया


आज हमारे इतिहास को हमलोग भूले है

विदेशी मानते आज भी बाजीराव को दवा

द्वितीय विश्व ब्रिटिश कमांडर, मांटगोमरी ने

हिस्ट्रीऑफवारफेयर में, बिजली सा तेज कहा


आज ब्रिटिश डिफेंस पढ़े, बाजीराव पेशवा

एक हम लोग है,भूल गये बाजीराव पेशवा

द्वितीय विश्वयुद्ध,इनकी युद्ध शैली अपनाई

जिसे लोगो ने ब्लिट्जक्रिग नाम था,दिया


आज भी अमेरिका जैसा देश महामना

इनका पालखेड़ युद्ध मॉडल अपना रहा

देता सैनिकों को,इनकी तकनीक जवां

इतने महान थे, अपने बाजीराव पेशवा


जिन्हें सात समंदर मानते,संजीवनी दवा

उनकी वीरता याद करे, बने हम वीर शिवा

ताकि राष्ट्र धर्म की ले हम सब लोग हवा

जय हिंद, जय भारत नारों से गूँजे आसमाँ।


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