रंगों की दास्तां!
रंगों की दास्तां!
लिख रहा हूँ आज मैं इन रंगों की दास्तां,
हर रंग है अलग यहाँ, और हर रंग का एक अलग रास्ता......
खूबसूरती इन रंगों में है, जैसे जीवन का श्रृंगार हो ये,
हर रौनक की शान है, जैसे खुशियों का भंडार हो ये.........
आसमान का रंग नीला, जो आँखों को देता सुकून है,
और हरियाली इन पौधों की, जीवन की जैसे रूह है,
ना भेद है इन रंगों में.......
हर रंग की एक कहानी है, जो बता रहा हूँ तुमको में वो इन रंगों की ही ज़ुबानी है.....
पीला है स्वर्ण, नीला गगन.....
इन पे क्यों काले बादल छाये है, पर ये बादल भी आकाश के रंग को बदल ना पाए है,
हरियाली इन पौधों की है, जो जीवन का भंडार है,
खुशियों में जो रंग बिखेरे, वो रंगों का संसार है......
पानी का क्या रंग है आखिर, ये कोई समझ ना पाया है,
जिस रंग में भी मिल जाये इसने उसी रंग को अपनाया है.......
लिख रहा हूँ आज में इन रंगों की दास्तां,
हर रंग का एक मतलब है, हर रंग की एक सुबह......!