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Deepak Shrivastav

Inspirational

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Deepak Shrivastav

Inspirational

खून की कीमत

खून की कीमत

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कैसा समय आया

ना कोई अपना

ना कोई पराया

खून खून नहीं

पानी हो गया


बिक रहा बाजारों में

खून की कीमत

कुछ चंद रूपये

करते जो इसका व्यापार

करते ईश्वर का तिरस्कार


खून की कीमत

वो क्या समझेंगे

जिन्होंने बनाया

इसे व्यापार

खून जीवन देता

खून एक रिश्ता बनाता


खून एक अपने को

अपने से मिलाता

खून का रंग एक होता

ना वो काला होता

ना वो पानी होता


ना वो जवान होता

ना बूढा

ना गरीब होता

ना अमीर होता 

खून का एक ही रंग

लाल


खून की एक ही जात

इंसानियत

मानवता 

फिर क्यों खून का व्यापार

क्यों खून के रिश्ते तार-तार।


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