मासूम बचपन
मासूम बचपन
बचपन इतना मासूम होता है,
उसको कुछ नहीं मालूम होता,
कि उसके आसपास क्या हो रहा है।
पर भगवान सबका पालनहार है,
वह खुद नहीं आते धरती पर,
अपने रूप में किसी को सुरक्षा के लिए भेज देते है।
चाहे कितने भी शैतान लोग हों,
किसी को नुकसान पहुंचाना चाहते हो,
फिर भी नहीं कर पाएंगे।
यदि हम भगवान की सुरक्षा कवच में होंगे,
शैतान इंसान छोटी सी बच्ची को नष्ट करना चाहता था।
लेकिन उसे क्या पता एक सुंदर सी परी आकर,
उस बच्ची को बचा लेगी।
वह तो अपनी धुन में बच्ची सड़क पर खेल रही थी,
उसे क्या पता कहांँ खेलाना चाहिए, क्या करना चाहिए,
लेकिन परी ने आकर उसे बचा लिया।
इसलिए कहते हैं….
"जाको राखे साइयां मार सके ना कोई"।
