चित्र दर्शाती एक कहानी है।
चित्र दर्शाती एक कहानी है।
अनूठी ऐतिहासिक कहानी का रहस्य है बताती,
पिता द्वारा दिए वचनों का मोल समझाती,
पतिव्रता धर्म का इतिहास है सुनाती,
भ्राता प्रेम की अनूठी झलक दिखलाती,
नेत्रों से अश्रु बहते हैं जब देखते यह दृश्य है,
केवट निषादराज की अनूठी भक्ति का परिचय कराती,
सेवक धर्म का पालन करना सिखाती,
सुनो सभी वो कहानी,
माता कैकयी के वचन और पिता का मान रखने,
कर लिया वनवास उन्होंने स्वीकार था,
चलने लगे सब नगरवासी उनके साथ थे,
सोता छोड़ उन्हें राम ने चलने का फैसला लिया,
और केवट से कहा गंगा पार करा दो,
लेकिन,
बिठाने से पहले रखी एक शर्त केवट ने,
पहले चरण धोऊंगा आपके,
क्या पता,
पत्थर की अहिल्या को इंसान बना दिया जिसने,
मेरी एक ही नैया उसको न बना दे इंसान वो,
जानता था वो कौन है फिर भी रखी उसने यह शर्त थी,
प्रभु श्रीराम को पैरों का चरणामृत चख अमृत पान लिया,
फिर,
श्रीराम सीता और लक्ष्मण जी को गंगा जी पार करा दिया,
अद्भुत लीला चली प्रभु श्रीराम ने,
बोलो सियावर राम चंद्र जी की जय।
