मैं एक मुरझाया सा फूल
मैं एक मुरझाया सा फूल
मैं एक मुरझाया सा फूल
जिसकी मिट गयी खुशबू
मैं एक मुरझाया सा फूल
फीके पड़े गए मेरे पंखुड़ियों पर
सुनहरे रंगों की काया
मिट गईं मेरे शहद के रस की बूंद
मैं एक मुरझाया सा फूल
मैं भी आया था बनने एक बाग का हिस्सा
सभी रंगों के साथ अपना रंग निखारने
पर रौंदते हाथों ने तोड़ा मुझे
कर दिया अलग मुझे
नष्ट करके मेरे जीवन को
मैं एक मुरझाया सा फूल।
