पंख होते तो
पंख होते तो
है मंजिल दूर नही तू चल रुक मत ,
आये कई आंधी तूफान डर मत,
रख हौसला आगे बढ़ ,मंजिल दूर नही।
एक वो दिन था जो लोग कहते थे
एक दिन आएगा जब लोग कहेंगे
है आसान नही राह तेरी
सुलगते अंगारो पर चलना पड़ेगा ।
न जाने कब वो सपने भरे दिन चले गए।
हमारी जिंदगी से ओर न जाने
कब ये सफर शुरू हुआ ।
क्या मालूम था जिंदगी के इस सफर में
है साथ अपनो का वो छूट जाएगा।
जब अपनो के बारे मे बहुत सोचा
तो अपनो ने ही मेरे विश्वास का गला दबा दिया।
फिर क्या एक मरी हुई जिंदा
जिंदगी जी रही हूँ।
इस सफर में मैं अब तो हंसना भी भूल गयी हूं।
ना जाने क्यों जी रही हूं मैं ।