ख़ामोशी
ख़ामोशी
एक खामोशी कह रही है
दिल की सुन पर कुछ तो सुन
रूठ कर ऐसे जाना
पर मनाने पर वापस जरूर आना
तुझे जाते देख रही हैं वो नजरे
जिसे चाहता तू हर पल, बस पल -पल
एक ख़ामोशी कह रही है कुछ तो सुन
वक्त की नई घड़ी बांध
गुजरे पलो को फिर याद कर
तेरे जाने में एक हार, तो एक अहसास फिर आने का है
गिरते आंसुओं की सरगम देख
यादों के पलो का एक गीत तो सुन
वो भी ना सही पर एक खामोशी कह रही
कुछ तो सुन ।

