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मिली साहा

Abstract

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मिली साहा

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भाई बहन का अनोखा रिश्ता

भाई बहन का अनोखा रिश्ता

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खट्टी- मीठी शरारतें, नोकझोंक की दुनिया 

यही है भाई बहन का रिश्ता

लड़ झगड़कर भी एक दूजे की फ़िक्र करना 

ऐसा है ये भाई बहन का रिश्ता।


इतना अजब ये बंधन है 

छोटी-छोटी बातों पर हो जाती बहसबाजियाँ

एक दूसरे को चिढ़ाने की खातिर 

गढ़ देते हैं जाने कितनी ही कहानियाँ।


किंतु आ जाए कोई भी मुसीबत 

तो एक दूजे की रक्षा को रहते तैयार

तकरार में भी प्यार है छुपा हुआ

यही तो है अनोखा भाई-बहन का संसार।


टीवी रिमोट के लिए तो ऐसे झगड़ते

मानो एक दूजे के हैं जानी दुश्मन

फिर अगले ही पल सब कुछ भूलकर 

साथ -साथ मुस्कुराते, ऐसा है यह बंधन।


कभी रूठना, कभी मनाना 

मम्मी पापा की डांट से एक दूजे को बचाना

इतना खास है, अनूठा है ये रिश्ता

आसान नहीं है इसकी व्याख्या करना।


कितने भी हो जाएं बड़े

मीठी सी तकरार इस रिश्ते की रहती है बरकरार

ये मीठी तकरार भी हिस्सा है प्यार का

और प्यार है भाई बहन के रिश्ते का आधार।


कह जाते हैं कड़वी बातें कई बार गुस्से में

पर कभी दिल में कुछ नहीं रखते

सच्चे दोस्त है भाई बहन वक़्त पड़ने पर 

एक दूजे के वो सलाहकार भी हैं बन जाते।


भाई बहन के साथ से ही बचपन का हर पल 

हो जाता है बेहद अनमोल

प्यार, विश्वास का अटूट बंधन ये

किसी दौलत से नहीं सकते इसको तोल।


खुशनसीब होते हैं वो लोग

जिन्हें जीवन में मिलता भाई बहन का साथ है

दूर रहकर भी मन से अलग नहीं होते

यही तो इस अनोखे रिश्ते की खास बात है।


भाई जैसा होता कोई दोस्त नहीं 

बहन जैसी नहीं होती कोई सलाहकार

अधूरा सा लगेगा यह भाई बहन का रिश्ता 

गर इस रिश्ते न होगी थोड़ी सी भी तकरार।


जीवन के सफ़र में बचपन तो बीते साथ

फिर एक पल ऐसा आए रास्ते अलग हो जाते हैं

किंतु कितनी भी दूरियाँ क्यों ना आ जाए

भाई बहन मन से कभी एक दूजे से दूर नहीं होते हैं।



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