मेरे हमदर्द मेरे दोस्त
मेरे हमदर्द मेरे दोस्त
दर्द में भी हँसा दे दोस्ती, मुश्किल राहों में चलना सिखा दे,
दोस्ती वो आसमां, जहाँ बस खुशियों के बादल दिखाई दे।
अँधेरों में भी रोशनी नज़र आती जब दोस्त चलते हैं साथ,
जीवन के हर रिश्ते में ये दोस्ती, रिश्ता ही होता कुछ खास।
मेरे हमदर्द मेरे दोस्त, तेरी दोस्ती है अनमोल इस जीवन में,
ईश्वर से यही गुजारिश मेरी, तू ही दोस्त मिले हर जन्म में।
जब-जब आँसुओं ने भिगोया, तेरी हथेली को सामने पाया,
हार कर जब भी बैठा हूँ मैं, तूने ही हौसला मेरा है बढ़ाया।
मेरे जीवन के इस सफ़र का, मेरे दोस्त, तू हिस्सा है खास,
इस दिल में तेरी जगह रहेगी हमेशा तू दूर रहे या रहे पास।
पलकों में कैद है आज भी, बचपन की वो तस्वीर हमारी,
दोस्ती का मतलब भी नहीं जानते तब से थी दोस्ती हमारी।
कितने खेल, कितनी ही शरारतें, साथ-साथ थे हमने रचे,
दोस्ती के वो रंग, वो सुनहरे लम्हे, आज भी दिल में है बसे।
आज ज़रूर हो गए हैं रास्ते अलग, जीवन के इस सफ़र में,
पर तेरी दोस्ती हौसला देती जीवन के हर पहलू हर पहर में।
जुड़े हुए दिल के तार हमारे ए दोस्त, तू दूर होकर भी पास,
तुझे याद कर आ जाती मुस्कुराहट, जब भी होता हूँ उदास।
गुज़र गया कितना वक़्त, याद है जमती थी महफ़िल हमारी,
कैसे ठहर जाता था वक़्त भी, देखकर दोस्ती की फुलवारी।
कोशिश तो बहुत बार की मिलने की, जिम्मेदारियों ने रोका,
पर समझते हम एक दूजे को, है दोस्ती का रिश्ता अनोखा।
उलझनों में भी उलझी नहीं ये दोस्ती, कितना हूँ खुशनसीब,
हिम्मत कभी मेरी टूटती नहीं, तुम सा दोस्त जो मेरे करीब।
