https://www.facebook.com/ashish.mishra.7370 मेरी कविता मेरे भाव - प्रकाशित https://www.amazon.in/dp/B07V7BSHL9?ref=myi_title_dp&fbclid=IwAR0D2cuK1U9cI5Uw4DMiEbaJj2xCMFRx4OmJFpLC_5IIi-tKwv5lR-PQY8E
अपने अपनों को और सो जाता सिहरन में अपने घर की चारदीवारियों के बीच... अपनों के बीच...। अपने अपनों को और सो जाता सिहरन में अपने घर की चारदीवारियों के बीच... अपनों के बी...
... और सो जाता सिहरन में अपने घर की चारदीवारियों के बीच... अपनों के बीच...। ... और सो जाता सिहरन में अपने घर की चारदीवारियों के बीच... अपनों के बीच...।