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Deepika Raj Solanki

Tragedy

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Deepika Raj Solanki

Tragedy

श्रद्धांजलि

श्रद्धांजलि

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खंड चक्र पर अंकित काला दिवस पुलवामा याद आया,

 निहत्थे वीरों पर घात लगा कायरो ने  कुरूप अपना दिखाया,

 खून से लहूलुहान हुई लोथपोरा भू लाल हुई,

 छेद -विच्छेद अंगों से बेहाल हुई ,

 किसी की मांग का सिंदूर लूटा,

 तो किसी की गोद वीरान हुई,

 नन्हे बच्चों के सर का साया,

 काल गर्त में समाया ,

 किसी बूढ़े मां-बाप की आंखों का तारा,

 पुलवामा में हो शहीद आसमां में प्रकाश पुंज बन ध्रुव कहलाया,

 शहादत पर शेरों की पूरा देश एक स्वर में यही गाया

 अमर रहेगा नाम तुम्हारा जब तक जहां में चमकेगा तारा,

  

 शेरों से लड़ना गीदडों को कब है आया?

 इसीलिए तो कायरों ने पुलवामा का षड्यंत्र रचाया,

 सहादत वीरों की इतिहास में हो गई दर्ज बन शहीद दिवस ,

  

 हाथ माथे पर रख सलामी देता भारतवर्ष

 अश्रु धार से नहीं करते सहादत वीरों की कम हम, 

 घुसपैठियों के घर घुस ध्वस्त कर आते आतंकी किलें ढेर,

  

 नमन करता भारत वीरांगनाओं को,

 अर्पित किए पुत अपने भारत मां को,

 व्याख्यान वृहत है वीरों का ,शब्द कम है पड़ते,

 पुलवामा के शहीदों को नमन हम हाथ जोड़कर करते।

 

  

  

  

 

 


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