STORYMIRROR

Deepika Raj Solanki

Abstract

4  

Deepika Raj Solanki

Abstract

मतदान करें आप

मतदान करें आप

3 mins
5

निकले अपने घर से इस बार दे अपना मत का दान, 

 दान आपका यह, बनाएगा भारत को महान, 

जब कोई नेता घर आंगन देने आएं अपना पंचवर्षीय ब्यूरा

ताल ठोक कर मांगे अपने मत का हिसाब पूरा-पूरा।


 गरम तपती धूप से घबरा बैठे न घरों मेंआप,

भौगोलिक विषमताओं को कर पार,

निकल हाथ पकड़ परिवार का,दे आएं

छांव तले मत अपना आप,

मत एक आपका  तय करता भविष्य आपका अपना।


व्यर्थ यह न होने पाएं,

सोच समझ कर बटन दबाएं,

मतदान होगा ज्यादा जितना 

उतनी प्रबल सरकार बनाएं,

मन लुभाते वादों में ना बह जाएं,

ना किसी लालच में आएं,

जिसने किया कार्य है, 


नाले- खडंचे से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर पर करता जो पारदर्शी बात 

नारी -किसान -बेरोजगार -गरीब को समझे जो परिवार  

जातिवाद पर जो करें प्रखर  प्रहार 

वहीं भारत का हो सच्चा प्रधान , 

भ्रष्टाचारी विरोधी छत्र हो पास जिसके 

समझे वही प्रत्याशी पाक - साफ़ 


अपने,

विवेक पूर्ण करें मतदान अपना,

आता पर्व यह 5 साल बाद ,

ऊर्जा से परिपूर्ण भारत का जो नौजवान , 

उनसे विनती इतनी ,करें अपना  मतदान ,

भारत की नीति निर्धारण में आपका भी हो अहम् हाथ 


विकसित युवा- विकसित भारत का आधार हो 

लोकतंत्र  के पर्व का हाथ खोलकर करें सम्मान।

मतदान कर अपने अधिकार को पहचाने 

निकल रसोई से अपनी,

मतदान केंद्र की राह जाने, 


दे अपने मत का दान, 

भारत की मुख्य धारा से जुड़ने का करें प्रयास, 

जो रखे हाथ सर पर पिता समान ,

जिसकी कलाई पर बांध सके  सुरक्षा सूत्र का  धागा आप,

सुरक्षा परिवेश का वादा नहीं, 

जो देख सके आपको अभय वरदान, 

उसे दिल से अपना मतदान, 


विश्व पटल पर जो बढ़ाएं भारत का मान,

उसे दें अपने मत का दान,

अपनी मत की महत्वता जाने

अपने मत से बनाएं 

अपनी सुरक्षित कवच सरकार।


कुछ क्षण निकाल कर अपने, मतदान केंद्र तक आएं हैं आप,

5 वर्षीय राष्ट्रीय पर्व बार-बार नहीं आएगा, 

विवेकपूर्ण पूर्ण मतदान ही भारत को चमकाएगा, 

पहचाने अपने मत की शक्ति, 

दे भारत को रामराज सी सुख-समृद्धि।



मेरा मतदान ,मेरा अधिकार

हर एक नागरिक करें अपना मतदान,

हो चाहे बुढ़ा और जवान,

नर- नार या जेंडर तीन,

मतदान की शक्ति है असीम, 

जिससे बनती हर बार देश की तस्वीर नवीन।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract