विश्वगुरू
विश्वगुरू
तक्षशिला ,नालंदा जिसका गुरूर था,
वह मेरा देश विश्व की ऑंखों का नूर था,
वेदों का ज्ञान जहॉं मिलता भरपूर था,
शॉंति और सद्भावना का यहॉं सुरूर था ,
कौन लूट ले गया किसने किया बर्बाद,
पकड़ो बेडियों में जकड़ो जिसका ये कुसूर था ..!!
सोने की चिड़िया का पंख नोच कर ,
कैद किया ना जाने क्या सोच कर,
कितने वर्षों तक जकड़ कर रखा गुलाम,
किंतु कितनी लगाई जुगत वो आई ना काम,
दुश्मन के नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया,
ढूंढो उसको जिसने ये कयामत सा काम कर दिया..!!
हर क्षेत्र में अग्रणी गुरू शिष्य परंपरा थी,
धानी चूनर में लिपटी सुंदर वसुंधरा थी,
बहता था कल कल छल छल निर्झरा का पानी,
हवा सुगंधित बहती अपनी ही रवानी में थी,
किसने बोलो नष्ट किया लहू में बहती रवानी
भ्रम का चोला पहना कर किसने सुनाई कहानी ..!!
अस्त्र शस्त्र की शिक्षा पाते बेटी बेटा दोनों ही,
वीरता की कहानियां लिखी गईं स्वर्णाक्षरों में भी,
निर्भय हो रहती थीं जिस देश में नारियॉं ,
किसने उनको बतलाया कि वो हैं बेचारियॉं,
किसने शिक्षा बंद कर कायरता का पाठ पढ़ाया,
जहॉं सुरक्षित थीं नारियॉं वहॉं आस्तित्व पर खतरा म़ंडराया ..!!
शल्य चिकित्सा आर्युवेदा जीरो का दिया ज्ञान,
शत्रु सामने खड़े हो गये इस देश के वीर जवान,
जहॉं नारियों नें भी दुश्मन को जौहर कर दिखलाया,
घुटने टेकने से पहले वीरों ने मौत को गले लगाया,
फिर कौन है वो जो कायरता का पाठ पढ़ा गया,
शस्त्र छीन कर हाथों में फूलों का हार थमा गया..!!
कर युवाओं को गुमराह बाजार भरपूर चलता है,
क्या मतलब किसी को गर देश आग में जलता है,
सम्मान परंपरा सौहार्द सब जैसे बीती बात हो गई,
दंगे,लड़ाई, अश्लीलता ,अपमान की काली रात हो गई,
इस गर्त में गिरते देश का भविष्य हमको बचाना है,
विश्वगुरू बन कर इसको वापस मान इसका दिलाना है..!!
कंधों पर हम सबके अब आई यह जिम्मेदारी,
रक्षा करेंगे अपने देश की मरते दम तक पहरेदारी,
भूतकाल में हुई भूल को अब ना हमें दोहराना है,
कमर कस हैं तैयार फिर से सोने की चिड़िया बनाना है,
मेरा देश मेरी आन-बान-शान मेरा आस्तित्व मेरी पहचान,
गर्व है इस पर अब सफलता का परचम लहराना है ..!!
विश्वगुरू बनाना है...विश्वगुरू बनाना है..........
