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Anupama Gupta

Tragedy Inspirational

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Anupama Gupta

Tragedy Inspirational

साठ पार

साठ पार

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कुछ रोज पहले ही

हुआ हूँ 

सेवानिवृत्त !

पैंतीस बरस का सपना 

था यह दिन 

जिसे जीने की

चाह लिए 

पैंतीस बरस गुजार दिए 

लेकिन बस

चंद दिनों में 

ऊब गया हूँ 

इस जीवन से 

सोचता हूँ 

सपनों का 

सपनों में रहना 

जितना खुशनुमा है 

उनका 

वास्तविकता में बदलना 

उतना ही 

दुखदायी !



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