मुहिम
मुहिम
जब मन में किसी के लिये
कोई ज़ज्बात निकलता है...
उसे उकेर देना सबसे बढ़िया है......
दो साल का कोरोना का सफर
चिकित्सकों का हर पल प्रयास...
कुछ ने पैसा बनाया....
और कुछ ने इंसान....
जहां जज़्बातों का तराजू,
जहां अपनों का साथ
डगमगा रहा था...
वहां ये सेना अपने
औजारों के साथ लगी थी.....
कुछ की जिंदगी छूटी...
और कुछ अपनी
हालत को दरकिनार कर...
लगे थे अपने मरीजों को
बचाने की मुहिम में ।
