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Sonias Diary

Abstract Tragedy Others

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Sonias Diary

Abstract Tragedy Others

जय माता दी

जय माता दी

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कितना इंतज़ार रहता है इन पलों का,

इतनी आस रहती माँ मिलने की।


तेरे आने की खुशी संभाले नहीं संभलती,

क्या ही गुनाह क्या ही कर्म,

ऐसे किए मेरी माँ..


तू सामने मगर थाम नहीं सकती,

तू पास मगर निहार नहीं सकती।


तेरी ज्योति, तेरी बाती सब दूर क्यों हो गई माँ?

माँ, डगर कठिन है।


हाथ थाम चल रही थी,

इस बार ना नवरात्रि, ना खेतरी,

ना पूजा ना तेरी आरती,

ना कंजक ना किलकारी ...


तेरे आने की खुशी है माँ..

मगर मैं क्यों कुछ ...


जय माता दी


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