कभी खुद का रूप भी न निहार सके बेगैरत जी तो लिया पर मौत न पा सके। कभी खुद का रूप भी न निहार सके बेगैरत जी तो लिया पर मौत न पा सके।
बस एक विनती तुम, करो स्वीकार... बस एक विनती तुम, करो स्वीकार...
कोरोना तूने ये क्या कर डाला ? कोरोना अब तो बस करो ना। कोरोना तूने ये क्या कर डाला ? कोरोना अब तो बस करो ना।
तन्हाइयों में अक्सर खुद से बात कर लेता हूं। तन्हाइयों में अक्सर खुद से बात कर लेता हूं।
आँखों में काजल होना था, पर काले घेरों का डेरा है, आँखों में काजल होना था, पर काले घेरों का डेरा है,
मन में यह विचरण कैसा इश्क़ की चली ये हवा क्या है मन में यह विचरण कैसा इश्क़ की चली ये हवा क्या है