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Sunil Kumar

Abstract

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Sunil Kumar

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तन्हाइयां

तन्हाइयां

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तन्हाइयों में अक्सर

खुद से बात कर लेता हूं

जज्बातों को अपने

कागज पर उतार लेता हूं


जब भी आती है याद तुम्हारी

तुझ संग बीते लम्हों को

याद कर लेता हूं


जब भी उदास कर देती हैं

मेरी तन्हाइयां मुझे

तेरी सूरत को


बंद आंखों से निहार लेता हूं

तन्हाइयों में अक्सर

खुद से बात कर लेता हूं।


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