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Ruchika Rai

Tragedy Inspirational Others

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Ruchika Rai

Tragedy Inspirational Others

कल ही

कल ही

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फिर आज सज गये कार्यालय,

विद्यालय और हर चौराहे।

देशभक्ति गीतों से गुंजयमान,

हर गली और हर राहें।


तिरंगा ध्वज है लहरा रहा,

देश का गुणगान गाया जा रहा,

शहीद वीरों के सज़दे में

शीश को झुकाया जा रहा।


विभिन्नता में एकता की

खूब दी जा रही मिसालें।

वतन की अस्मिता की रक्षा

की जा रही भारतीयों के हवाले।


पर अफसोस कल को इसे

हम सब भुलायेंगे।

स्वार्थ की ओछी राजनीति में

जाति पाँति का गीत गायेंगे।


कल सड़क पर दिखेंगे

रोटी को तरसते हुए सारे बच्चे।

सफेदपोशी की चादर ओढ़े

नेता साबित करेंगे खुद को अच्छे।


कल ही गद्दार देश के खिलाफ

पूरी साजिश रचेंगे।

कल ही सीमा पर डटे जवान 

के मौत की कोई नहीं सुधि लेंगे।


कल ही संविधान की धज्जियां उड़ेंगी,

कल ही गणतंत्र शर्मिंदा होगी।

बस बहुत हो गया एक दिन

का ये जश्न तुम छोड़े।

देश के लिए हर दिन जियो हर दिन मरो।


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