Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Ratna Kaul Bhardwaj

Tragedy

4.9  

Ratna Kaul Bhardwaj

Tragedy

आशिकी तेरी खुद्दारहै

आशिकी तेरी खुद्दारहै

1 min
448


कैसे गुज़ारी होगी तुमने

वह रुत मेरे बगैर

वफ़ा के बदले थामी जफ़ा

और हो गए तुम गैर


अरमान पिरोये थे हमने

लम्हा-लम्हा जोड़कर

वह लम्हा वहीं थमा है

जहाँ गए थे तुम छोड़कर


आकर ज़रा देख आंखों में

आँसू मेरे नदामत के

एहसास शायद होगा तुम्हें

क्या होते है लम्हे कयामत के


कैसे कोई तबीब

बन जाता है यूँ ही रकीब

कुछ तो जवाब दे ज़रा

ए मेरे बद नसीब


जवाब मिला


आशिकी तेरी खुद्दार है

कैसे रुसवा इसे तू करे 

जज़्बातों की जिसे कदर नहीं

उसके पीछे क्यों तू मरे


मुख़्तसर सी ज़िन्दगी यह

रब की है एक नियामत 

उसकी जफ़ा उसे मुबारक

तेरी वफ़ा है तेरी अमानत


जफ़ा के पीछे आँसू बहाना

कहाँ की यह रीत है

रब से तू  महोब्बत कर ले

वही सच्ची प्रीत है.....


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy