रह रह कर उठ रही है, दिल में आग जल रही है। रह रह कर उठ रही है, दिल में आग जल रही है।
अर्थी उठेगी जिस दिन हमारी, गम-ए-आंख भर उठेंगी तुम्हारी। अर्थी उठेगी जिस दिन हमारी, गम-ए-आंख भर उठेंगी तुम्हारी।
एहसास शायद होगा तुम्हें क्या होते है लम्हे कयामत के एहसास शायद होगा तुम्हें क्या होते है लम्हे कयामत के