वह भी तेरा तलबगार है उससे भी तेरा इंतज़ार है अँधेरे कहाँ है रास्ते सुलग रही अब तुझमें भी वह ख... वह भी तेरा तलबगार है उससे भी तेरा इंतज़ार है अँधेरे कहाँ है रास्ते सुलग र...
सोचा नहीं कभी मैं क्यों दिल वफ़ा किया चाहत में अब हमारे भी कितने रकीब है सोचा नहीं कभी मैं क्यों दिल वफ़ा किया चाहत में अब हमारे भी कितने रकीब है
भुला कर के गुजरे कल, आगे बढ़ना पड़ता है। भुला कर के गुजरे कल, आगे बढ़ना पड़ता है।
यूँ जब्र ना किजिए, कुछ तो रहम किजिए। यूँ जब्र ना किजिए, कुछ तो रहम किजिए।
इधर मुहब्बत भरे दिल कसीस देखे जाएंगे। इधर मुहब्बत भरे दिल कसीस देखे जाएंगे।
कई दिनों से सुनी नहीं हमने आवाज़ एक दूजे की, चलो आज एक दूजे के नाम ही बस बार बार लें। कई दिनों से सुनी नहीं हमने आवाज़ एक दूजे की, चलो आज एक दूजे के नाम ही बस बार ब...