पुकार
पुकार
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
आओ तुमको तुम्हारे ही नाम से पुकार लें,
जैसे हो जो हो तुम उसको हम स्वीकार लें,
बायाँ करने में तुमको शब्द पद गए है कम,
लो किसी आलिम से कुछ लफ़्ज़ उधार लें,
आओ तुमको तुम्हारे ही नाम से पुकार लें।
बहुत गहरा रिश्ता है तुम्हारे हमारे दरमियाँ,
चलो लड़ लें थोड़ा सा इसको कुछ बिगाड़ लें,
कत्ल इश्क़ में होना है दोनों का मुक्करर है ये,
तो फिर क्यों न अपने अपने हाथों में हथियार लें,
आओ तुमको तुम्हारे ही नाम से पुकार लें।
जंग इश्क़ जीते या या हुश्न अरे छोड़ो भी ये
चलो दोनों ही अपनी अपनी मान अब हार लें,
थक गए हैं दोनों तुम हुश्न और हम
इश्क़ का हुक्म सुन सुन कर,
चलो दोनों ही अपना अपना पहला इतवार लें,
आओ तुमको तुम्हारे ही नाम से पुकार लें।
कई दिनों से सुनी नहीं हमने आवाज़ एक दूजे की,
चलो आज एक दूजे के नाम ही बस बार बार लें,
जब ज़माने ने परखा था तो पैना न था ये,
चलो हम अपने इश्क को और करीने से धार दें,
आओ तुमको तुम्हारे ही नाम से पुकार लें।
फसाने हमारे पुराने हो गए हैं ज़माने में बहुत,
चलो सबको हम अब कुछ नए किस्से हज़ार दें,
बड़े रकीब खरीदे हैं इश्क़ करके हमने यहाँ,
चलो दे मोहब्बत उनको और ये दुश्मनी मार दें,
आओ तुमको तुम्हारे ही नाम से पुकार लें।
इश्क़ हिज्र बिन कभी मुकम्मल नहीं होता,
चलो फिर ये नायाब रिश्ता इस रिवायत पे वार दें,
जैसे हो जो हो तुम उसको हम स्वीकार लें,
आओ तुमको हम बब्बन कहकर पुकार लें।