महफ़िल
महफ़िल
देखीं हैं कई महफिलें वो ख़ास नहीं थीं
याद रखीं जायें ऐसी कोई बात नहीं थी
मगर भूलती नहीं एक सुनी हुई महफ़िल
महफ़िल कि जिसमें माइकल ओ डायर की लाश गिरी थी
सत्ता भी ब्रिटिश की थी महफ़िल भी उन्हीं की
कातिल वो जिसने हिन्द में नरसंहार किया था
सम्मान बड़ा जिसका इस महफ़िल में हुआ था
उसको सज़ा जो करनी की उधम सिंह ने दी थी
गिद्धों की पूरी सत्ता की ही नींद उड़ी थी
विचलित न हुआ तनिक वो पुत्र हिन्द का
सरदार हिला न बिल्कुल जैसे खड़ा नरसिंह था