STORYMIRROR

अनूप सिंह चौहान ( बब्बन )

Inspirational

2  

अनूप सिंह चौहान ( बब्बन )

Inspirational

विद्यारम्भ

विद्यारम्भ

1 min
431


विद्यारम्भ छोटे छोटे डग भर कर पाना है आकाश

निश्चल तन मन लेकर आया ज्ञान भवन के पास

नित्य कर्म से करना होगा विद्या का अभ्यास

मानव से मनु बना सके ये विद्यालय से आस

जीवन यात्रा नहीं सरल है इसका है विश्वास

अंधियारे से थम जाये जब जीवन की पदचाप

ज्ञानदीप से पाना होगा सात्विक श्रेष्ठ उजास



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational