उसका जाना
उसका जाना
उसका जाना ऐसा था मानो उर्वर भूमि का
मरुथल हो जाना
उसका जाना बदल गया सब अपना पराया
जाना या अनजाना
उसका जाना जता गया भेद वह जिसका आवश्यक था
छुप जाना
उसका जाना मन की नदिया धार में जैसे
भीषण ज्वार का आना
उसका जाना सुन्दर स्वस्थ्य तन का कुरूप नुकीले
काँटे सा हो जाना
उसका जाना जीवित काया से जीवद्रव्य रक्त का
बून्द बून्द बह जाना
उसका जाना दिव्य यज्ञ में आहुति देने पर
विष फल का पा जाना
उसका जाना श्रेष्ठ तुरंग जो पवन वेग हो का
पंगु हो जाना
उसका जाना उन्नत लक्षण के उत्तम गायक का
मूक बधिर हो जाना
उसका जाना मन में कुटिल करुण क्रन्दन का
उठ उठ कर घिर आना
उसका जाना सागर मंथन से विष घट का
बाहर आना