तेरा हाथ जो हो हाथ में
तेरा हाथ जो हो हाथ में
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बढ़ा लूँ मैं कदम अपने,
कदम तुम भी बढ़ा लो साथ में,
काट जाएगी मुश्किल डगर,
तेरा हाथ जो हो हाथ में।
अंधेरे से फिर क्यों डरे,
जब साथ एक दूजे का हो,
विश्वास की इस रोशनी में,
मंज़िल ढूंढ लेंगे रात में।
सम्हालो तुम मुझे जब मैं गिरूं,
और मैं तुम्हें गिरने ना दूं,
मेरी मुस्कुराहट तुम बनो,
और मैं तुम्हें रोने ना दूं।
भटक जाएं कदम मेरे,
जब भी कठिन इस राह में,
तुम दिखाना राह सही,
और मैं तुम्हें भटकने ना दूं।
रात की खामोशियाँ ना,
छीन लें आवाज़ अपनी,
खामोशियों को भूल जाएं,
एक दूसरे की बात में।
बढ़ा लूं हाथ मैं अपने,
हाथ तुम भी बढ़ा लो साथ में,
हम हर चुनौती जीत लेंगे,
तेरा हाथ जो हो हाथ में।