STORYMIRROR

मीरा की भक्ति

मीरा की भक्ति

1 min
351


ना चाहूं मैं राधे- कृष्णा सी जोड़ी,

मीरा सी बनना चाहूं मैं,

कृष्णा का प्रेम था राधा रानी,

लेकिन मीरा सी जोगन बनना चाहूं मैं,


ना पा सकूं कान्हा को तो कोई बात नहीं,

दासी बनके उनकी शरण में रहना चाहूं मैं,

कहते हैं प्रेम में होती हैं बड़ी शक्ति,

लेकिन मीरा सी भक्ति करना चाहूं मैं,


लोक- लाज सब त्याग कर,

खुद को अर्पण करना चाहूं मैं,

दुनिया का हर सुख देकर,

कान्हा के लिए तड़पन लेना चाहूं मैं,


सब कुछ भुलाकर,

इन अधरों से नाम कृष्ण का लेना चाहूं मैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance