तस्वीर
तस्वीर
आज फिर से फुर्सत मिली
जी भर के देखने को
तुम्हें नहीं, तस्वीर को तुम्हारी
जहाँ तक मन किया, वहाँ तक ले गया
बिना किसी के कहने पर
तुम्हें नहीं, तस्वीर को तुम्हारी
वक्त ने ओर करीब कर दिया
सब कुछ जानते हुए
तुम्हें नहीं, तस्वीर को तुम्हारी
खुशियों और दुखों में भी शामिल किया
हर एक पल के साथ में वो भी
तुम्हें नहीं, तस्वीर को तुम्हारी
मिलना पसंद नहीं, मुझें यूँ तो
एक बार नहीं, सौ बार
तुमसे नहीं, तस्वीर से तुम्हारी।