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Mahesh Garg

Others

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Mahesh Garg

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मेरी बहन..!!

मेरी बहन..!!

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वो बहन का साथ, और बचपन का होना 

शरारतें करना और फिर पल भर में रो देना..॥


दिन भर गुड्डे और गुड़िया को खिलाना 

नकली दुकान की चीज़ों को बहन से ख़रीदवाना..॥


यूँ बात-बात पे,पापा के नाम से डराना 

फिर कुछ ना हो तो, मम्मी से डाँट लगवाना..॥


मेहमान का घर आना, भाई ने फ़ायदा उठाना 

बहन का नाम बिगाड़ना और जी भर के चिढ़ाना ..॥


बहन-भाई की उम्र का पता भी जब लग जाना 

जब एक रिश्ता निभाने जितना बड़ा हो जाना..॥


माँग लूँ मन्नत कि, फिर वो ही बचपन मिले 

वो ही प्यार और बहन के साथ खेलने को मिले..॥

    



साहित्याला गुण द्या
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