ज़रूर आना
ज़रूर आना
बहुत कमबख्त हुई जिंदगी
मिलने का निकालो कभी बहाना तुम
बड़े सबब से मुस्कराते हो
साथ रोए, करो हमसे कुछ फसाना तुम
तलब मे तुम्हारे रहते है हर वक्त
जरा एक जिंदगी के लिए ठहर जाना तुम
जलन है किस्मत को मुझसे
मेरा हो सके बन जाना सहारा तुम
बड़ी कोशिश की किसी ओर को बसाने की
मेरे नहीं रहे
दिल को मेरे ज़रा समझाना तुम
जिंदगी की कद्र कहाँ है मेरी
चलो शोक में जरूर आना तुम।