काली रात
काली रात
रात काली तो क्या बीत ही जाएगी
रात काली तो क्या दिन भी तो लाएगी
दिन जो आएगा तो डर भी मिट जाएंगे
रात काली तो क्या बीत ही जाएगी
रात काली तो क्या नींद भी लाएगी
नींद आएगी तो स्वपन भी आएंगे
स्वप्न यत्नों प्रयत्नों को भी लाएंगे
जीव को जीवन को श्रेष्ठ कर जाएंगे
रात काली तो क्या बीत ही जाएगी
रात काली तो क्या शांति भी लाएगी
शोर थम जाएगा ध्यान बढ़ जाएगा
दोष ध्वनियों का सारा निथर जाएगा
मन अवस्था परम पावन पा जायेगा
रात काली तो क्या बीत ही जाएगी
रात काली ही तो कृष्ण दे पाएगी
कृष्ण आएंगे तो बंधन कट जाएंगे
कृष्ण आएंगे तो कष्ट मिट जाएंगे
कृष्ण आएंगे तो कंस जाना ही है
कृष्ण आएंगे तो युग वो होगा नया
कृष्ण आएंगे तो कर्म सिखलायेंगे
कृष्ण आएंगे तो गीता दे जाएंगे
रात से कृष्ण का कृष्ण से जीव का
एक नाता जुड़ा इसलिए कह रहा
रात अच्छी ही है रात आने भी दो
रात काली तो क्या बीत ही जाएगी
हमको रंगों के उपहार दे जाएगी
रात काली तो क्या...
रात काली तो क्या....