मूवी
मूवी
हमें बॉलीवुड के चलचित्रो ने ही तो सिखाया है
कि एक दिन.....
एक दिन हम दो अजनबी मिलेंगे
कि हमारी पहली मुलाकात टकराने से होगी
ठीक वैसे ही जैसे हीरो की हीरोइन से होती है
टक्कर के बाद मेरी किताबें जमीन पर गिर जाएंगी
और फिर.....मैं उन्हें उठाने जैसे ही नीचे झुकूंगी
उसी पल तुम भी झुकोगे
और सिर एक दूसरे से लड़ेंगे
फिर क्या....?
फिर हमारे क्लासेस की टाइमिंग भी एक साथ हो जाएगी
हर रोज तुम्हें एक नज़र देख पाने के लिए
मेरी आँखें बेचैन हो जाएंगी
इन सब के बाद भी
इतनी जल्दी हमारी आपस में बात नहीं हो पाएगी
और अगर बातें हुई भी
तो होगी तुम्हारी कलाई पर चमचमाती घड़ी
और मेरे बदन पर लहराते रेशमी दुपट्टे के बीच
और.....
असल में ऐसा ही कुछ हुआ भी मेरी ज़िंदगी में
पर हम कहां कुछ समझ पाए
हमारी राहें टकराई
मेरी किताबें भी गिरी
पर हम दोनों अपने इंस्टाग्राम वाले दोस्तों को
अपडेट देने में इस कदर व्यस्त थे
की एक दूसरे की तरफ हमने देखा ही नहीं कभी
मेरी और तुम्हारी क्लासेस की टाइमिंग भी एक हुई
पर स्वाइप लेफ्ट और स्वाइप राईट के चक्कर में
सामने से गुजरता हमें परफेक्ट मैच हमें दिखा ही नहीं
और रही मेरे दुपट्टे से गुफ्तगू करने की बात
तो वो तुम्हारी घड़ी से हुई ही नहीं कभी
ये सब होता देख सोचती हूं
कि सब जो पर्दे पर मूवीज में देखा है हमने
क्या फरेब है वो ?
शायद नहीं....तभी तो
इतनी सारी उलझनों के बाद भी
हमारा फिल्मों वाली प्रेम कहानी
आज भी अपने शुरू होने का इंतजार कर रही है
वो आज भी हम दोनो के साथ होने की उम्मीद कर रही है
कि क्या पता एक दिन मेरी नजरें
अपने फोन को छोड़ कर
तुम्हारी नज़रों से टकराएगी
शायद फिर राज-सिमरन, राहुल-अंजली,
और शिरीन-फरहाद की तरह ही
हमारी आशिकी पर भी एक हसीन मूवी बन जाएगी।

