एक दिन भारत
एक दिन भारत
रख धीरज.... रख हौसला
एक ऐसा दिन भी आएगा
हमारे भारत का हर नागरिक
खुद को खड़ा दुनिया से आगे पाएगा ।
आज गलियों में जो कचरे
हर कुछ कदमों पर फैले हैं
तुम देखना ये सब
बहुत जल्दी ही मिट जाएगा
रख धीरज .....रख हौसला
एक ऐसा दिन भी आएगा
हमारे भारत का हर नागरिक
गंदगी का अर्थ तक भूल जाएगा।
मां कहती है हमें आज़ादी
बरसों बाद बामशक्कत्त मिली थी
कितनों ने जानें गंवाई थी
कईयों के तो उजड़ गए थे घर
पर आज जब कश्मीर में हमारे
हिंसा की होली होती है
देश की आज़ादी एक दफा फिर से
बखुबी ताक पर रखी होती है
पर कल को इन समस्याओं का भी
एक निश्चित समाधान मिल जाएगा
रख धीरज..... रख हौंसला
एक ऐसा दिन भी आएगा
हमारे भारत का हर नागरिक
बस प्रेम के धागों ने बंध जाएगा।
निर्भया... प्रियंका.... आसफा
और ना जाने कौन कौन
इनके साथ हुए दुष्कर्म
खौफ हर लड़की में ले आती है
सोच समाज की इनको लेकर
बेहद गिरने पर उतर आती है
पर देखना तुम जल्दी ही
इन बंदिशों के बेड़ियों का ताला
महिलाओं के हाथ खुल जाएगा
इनका देर रात सड़कों पर चलना
खतरों से खाली हो जाएगा
रख धीरज.... रख हौंसला
एक ऐसा दिन भी आएगा
हमारे देश का हर नागरिक
किसी से डरना भूल जाएगा।
बस इन उम्मीदों को ना तोड़ना तुम
इन ख्वाइशों को ना रूठने देना तुम
ये देश हमारा है साथियों
इसके टुकड़े मत होने देना तुम
मां भारती की धरातल पर
हर जान कुर्बान है
इस तिरंगे के ऊंचे लहराने में
अपने जिंदगी की तो शान है
रख धीरज..... रख हौंसला
एक ऐसा दिन भी आएगा
हमारे देश का हर नागरिक
अपने सपनों के भारत में रह पाएगा।
एक ऐसा दिन भी आएगा
हमारे भारत का हर नागरिक
खुद की गुलामी से रिहाई पाएगा।
