सोचो तो जरा क्या हासिल किया किश्तों में दर्द मिला बेशुमार है मायूस होकर क्यों जीए हर बार मिलती ... सोचो तो जरा क्या हासिल किया किश्तों में दर्द मिला बेशुमार है मायूस होकर क्यो...
वह भी तेरा तलबगार है उससे भी तेरा इंतज़ार है अँधेरे कहाँ है रास्ते सुलग रही अब तुझमें भी वह ख... वह भी तेरा तलबगार है उससे भी तेरा इंतज़ार है अँधेरे कहाँ है रास्ते सुलग र...
तलबगार तुम्हारी हर अदाओं की फिर भी गुनहगार सी रिश्ते को नाम ही तो देना था दुनिया के सारे रिश्ते त... तलबगार तुम्हारी हर अदाओं की फिर भी गुनहगार सी रिश्ते को नाम ही तो देना था दुन...
किस आस पर ठहरा है न जाने किस आस पर ठहरा है न जाने
झूठा प्यार तुम्हें बताएं भी तो कैसे। झूठा प्यार तुम्हें बताएं भी तो कैसे।