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Bhavna Thaker

Others

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Bhavna Thaker

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तू मेरा कौन लागे

तू मेरा कौन लागे

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ताश की गाड़ी में एक रानी भी होती है

तुम्हारे आसपास बसे किरदारों को

बड़े चाव से अपनाया तुमने..!

ये रानी ही क्यूँ अनमनी सी,


तलबगार तुम्हारी हर अदाओं की

फिर भी गुनहगार सी

रिश्ते को नाम ही तो देना था

दुनिया के सारे रिश्ते तुम्हें अज़ीज़

क्यूँ मेरी ही कमी अखरती नहीं..!


तमस से घिरा ये रिश्ता

उम्मीद की रोशनी को तरसता

चाहत की दहलीज़ पे पड़े दम ना तोड़ दें

चुटकी भर चेतना नज़रे करम की मिले

दासी रानी सा महसूस कर ले..!


ज़माने में बहुत है हम पर भी मरने वाले

इस दिल को कोई ओर ना भाए तो क्या करे

बेनाम से रिश्ते को ना कभी बाँधा

ना ही कभी तोड़ा तुमने

किस आस पर ठहरा है न जाने..!


कोई मुझे कुँवारी समझे, कोई शादीशुदा

कोई प्रेमीका, तो कोई विधवा समझे..!


दुन्यवी रिश्तों की परवाह नहीं कानों

में दो बोल बोल दो तुम क्या हो मेरे,

बस एक हक देना है तुम्हें मुखाग्नि की

आख़री आँच तुमको ही देना है।


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