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रोको ना अश्क मेरा

रोको ना अश्क मेरा

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रोको ना अश्क मेरा अब वो अजीज़ है

तन्हाइयों में आँसू दिल का नसीब है


सोचा नहीं कभी मैं क्यों दिल वफ़ा किया

चाहत में अब हमारे भी कितने रक़ीब है


एहसास जिंदगी में बस एक कमी तेरी

जब से गया है हमदम यादें करीब है


लम्हों में जीना कैसे मैंने तुमसे सीख ली

तेरे बिना भी हमदम दिल बदनसीब है


रोकोगे कैसे तुम भी यादों में रोज़ आना

आदत मे तेरे शामिल अब तक हबीब है


दिल में तुम्हारे प्यार है लब पर जुनून है

तेरी ही चाहतों से दिल भी खुशनसीब है


हरकत भी मेरी धड़कनों में तुमसे है सनम

तेरे बिना भी दुनिया से रिश्ता अजीब है


दौलत भी दिल की मेरी मोहब्बत सनम तेरी

जब से हुए जूदा सनम मेरा दिल ग़रीब है।।


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