चाहत हिन्दू ना है मुस्लिम
चाहत हिन्दू ना है मुस्लिम
अब तेरा मेरा मिलन नही
या मै हिन्दू या तुम मुस्लिम
क्यों प्यार करे मज़हब देखे
लड़की हिन्दू या है मुस्लिम
अच्छा ही हुआ ऐसा ना हुआ
चाहत हिन्दू ना है मुस्लिम
कोई देख के प्यार करेगा क्या
कोई जान के आहें भरेगा क्या
चाहत अनजान अगर होगी
मजहब पहचान नही होगी
अब इश्क़ का मजहब क्या होगा
आशिक़ हिन्दू या है मुस्लिम
जो लोग मोहब्बत पर मरते
महबूब के खातिर सब करते
अफसोस नही मुझको है अब
मेरा इश्क़ ना हिन्दू ना मुस्लिम!