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Habib Manzer

Romance Tragedy Fantasy

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Habib Manzer

Romance Tragedy Fantasy

जिंदगी तुम मेरी थी

जिंदगी तुम मेरी थी

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कभी साथ मेे ज़िंदगी तुम मेरे थी

कभी सोंच मे तुम्ही शामिल मेरे थी


कभी ज़िंदगी की तमन्ना सनम तुम

कभी आशिकी दिल्लगी तुम मेरी थी


कभी ख्वाब चाहत की तस्वीर मेरी

कभी राज़ खूशियों की तुम्ही मेरी थी


कभी आसना दिल भी मेरा था तुमसे

कभी तिश्नगी रूह की तुम मेरी थी


कभी दर पे दिल के था दस्तक तुम्हारा

कभी लफ्ज़ चाहत सनम तुम मेरी थी।


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