Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Akhtar Ali Shah

Romance

2.0  

Akhtar Ali Shah

Romance

पहला प्यार

पहला प्यार

1 min
479



निकले हैं पंख कल्पना के,

मैं उड़ता दूर गगन में हूं ।

एक परी उतरकर नजरों में,

दिल मेरा रोज चुराती है ।।


इन दिनों समंदर में गहरे,

इच्छाएं गोते खाती हैं ।

लाती हैं मोती माणक चुन ,

धनवान बनी इठलाती हैं ।।

मैं लिपटा सजधज में रहता ,

दरबारे शाही में नृप सा । 

और खड़ी बगल में प्यारी सी ,

एक दासी चंवर ढुलाती है ।।

निकले हैं पंख कल्पना के ,

मैं उडता दूर गगन में हूं ।

एक परी उतरकर नजरों में ,

दिल मेरा रोज चुराती है ।।


जब झूला बनकर आरजुएं,

बाहों में मुझे झुलाती हैं ।

अभिलाषाएं तब रगरग में ,

मुझको भी साथ बहाती हैं।। 

मैं सुधबुध खोया सा अचेत,

सुख के बिस्तर पर होता हूँ ।

ख्वाबों में कभी टहलता हूँ ,

और कभी नींद लग जाती है।। 

निकले हैं पंख कल्पना के ,

मैं उड़ता दूर गगन में हूँ ।

एक परी उतार पर नजरों में ,

दिल मेरा रोज चुराती है ।।


उठता है ज्वार समुंदर में ,

मन का तट तोड़ निकलता है।

कोमल कलिका का चंचलपन ,

जब रंग "अनन्त"बदलता है ।।

हो जाती क्रूर तमन्नाएं ,

जख्मी दिल को कर देती है ।

क्वारेपन की गंगा मेरी ,

मुंह मेरा बहुत चिढाती है ।।

निकले हैं पंख कल्पना के,

मैं उड़ता दूर गगन में हूं ।

एक परी उतर कर नजरों में,

दिल मेरा रोज चुराती है ।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance