कई ख़्वाब एक ज़िंदगी..!
कई ख़्वाब एक ज़िंदगी..!
कई दर्द है एक ज़िंदगी,
हर पल मुझे बस तूँ चाहिए।
तूँ हो बस मेरे साथ ऐसा पल,
मुझे हर पल चाहिए।
शायद तेरी ख़ुशी ना मिले,
फिर भी मुझे तेरा ग़म चाहिए।
हकीकत में ना मिले तो क्या,
तेरे होने का मुझे भ्रम चाहिए।
कई ख़्वाब हैं एक ज़िंदगी,
कैसे चुने क्या नहीं चाहिए।
शायद तेरी हाँ ना भी मिले,
फिर भी हमें तेरी ना ही चाहिए।

