राज़ दिलों के
राज़ दिलों के
हर दिल में छुपे होते हैं, कुछ राज़ बड़े गहरे होते हैं
बयाँ न करना राज़ किसी से, बड़े फ़रेबी दिल होते हैं
राज़ दिलों के दिल में रखना, कह न देना किसी से तुम
पलकें भी तुम झुका के रखना, पढ़ ले न कोई इनमें तुम्हें
दबा के अपने दिल में रखना, प्यार मोहब्बत की सब बातें
रुसवा कर देगी ये दुनियाँ, तुमको पलकें झपकाते ही
चोरी - चोरी छुप - छुप कर, मिलना बड़ा संभल कर तुम
लोगों की नज़रों से बच कर, जाना पिया से मिलने तुम
कितनी भी हो सच्ची मोहब्बत, कोई भरोसा करता नही है
हीर और राँझा के जैसा अब, इश्क़ यहाँ कोई करता नही है।