दिलोदिमाग़
दिलोदिमाग़
इश्क़ ए मोहब्बत में सुकूँ का एहसास व सुख़न की अनुभूति होती,
रुहों के इस मिलन में कभी ज़माने का साथ तो कभी रुस्वाई होती,
झूठ कहते हैं लोग कि फलां की मोहब्बत में मति मारी गयी!
ज़नाब,खरा दिलों का सौदा हैं भला अदने से दिमाग़ को क्या आपत्ति??

