STORYMIRROR

Usha Raghav

Romance

3  

Usha Raghav

Romance

तेरे नाम के सिवा

तेरे नाम के सिवा

1 min
109

इस जिंदगी में न जाने कितनों से मुलाक़ात हुई 

मगर तुमसे मिलने के बाद बात ही कुछ और हुई


कितने ही नामों से पड़ा वास्ता इस एक जिंदगी में

मगर तेरे नाम के सिवा कोई और नाम याद ही नहीं


जोड़ लिया है अब तेरे नाम को अपने नाम के साथ

किसी और कि इस दिल को अब दरकार नहीं है


तू ही मेरी सुबह है अब और तुझसे ही मेरी शाम है

ख़यालों में तेरे ही डूबे रहना 'उषा' का अब काम है


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance